अब 3डी में देख सकेंगे सीटी स्कैन और एमआरआई, IIT दिल्ली के छात्रों ने किया कमाल
अब आप शरीर के किसी अंग का सीटी स्कैन और एमआरआई का थ्री डी इमेज देख पाएंगे। दरअसल, इंद्रप्रस्थ इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी दिल्ली के बीटेक अंतिम वर्ष के छात्र पलाश बंसल ने एक न्यू साफ्टवेयर एप्लीकेशन‘ रियलवोल’ बनाया है। जिसकी वजह से यह संभव हो पाया है। फिलहाल, चिकित्सकों के पास टू जी इमेज देखने की ही सुविधा है। पलाश बंसल ने बताया कि हम सीटी स्कैन व एमआरआई कर हाई क्वालिटी फोटो लेते हैं। लेकिन, इससे बीमारी का पता लगाने की संभावना ज्यादा नहीं रहती है। वहीं, अब कंप्यूटर विज्ञान और तकनीक के जरिये फोटो को थ्री डी डाइमेंशन में रि कंस्ट्रक्ट कर सकते हैं। हालांकि, हमारे पास संसाधन सीमित हैं।
डेढ़ साल से कर रहे हैं काम
पलाश बंसल ने बताया कि वह जल्द ही इस प्रोजेक्ट को आगे ले कर जाएंगे। वर्चुअल रिएलिटी की तरह सीटी स्कैन और एमआरआई इमेज को देखा जा सकेगा। वह करीब डेढ़ साल से इस पर काम कर रहे हैं। इस एप्लीकेशन के बेसिक वर्जन पर काम करने के बाद उन्होंने दांत का स्कैन कर यू ट्यूब पर वीडियो डाला था। उन्होंने बताया कि लोगों का फीडबैक मिला कि वह इसे यूज करना चाहते हैं। तब उन्होंने निर्णय लिया की इस प्रोडक्ट पर फूल टाइम देकर काम करेंगे। उनका कहना है कि हमेशा क्वालिटी उत्पाद लंबा समय लेता है। अगर वह मेडिकल क्षेत्र का हो तो उसमें और रिसर्च के साथ ज्यादा टाइम लगता है। वह कुछ ऐसा करना चाहते है कि सीटी स्कैन व एमआरआई को वर्चुअल वर्ड यानी मोबाइल पर देख सके।
डेढ़ साल से कर रहे हैं काम
पलाश बंसल ने बताया कि वह जल्द ही इस प्रोजेक्ट को आगे ले कर जाएंगे। वर्चुअल रिएलिटी की तरह सीटी स्कैन और एमआरआई इमेज को देखा जा सकेगा। वह करीब डेढ़ साल से इस पर काम कर रहे हैं। इस एप्लीकेशन के बेसिक वर्जन पर काम करने के बाद उन्होंने दांत का स्कैन कर यू ट्यूब पर वीडियो डाला था। उन्होंने बताया कि लोगों का फीडबैक मिला कि वह इसे यूज करना चाहते हैं। तब उन्होंने निर्णय लिया की इस प्रोडक्ट पर फूल टाइम देकर काम करेंगे। उनका कहना है कि हमेशा क्वालिटी उत्पाद लंबा समय लेता है। अगर वह मेडिकल क्षेत्र का हो तो उसमें और रिसर्च के साथ ज्यादा टाइम लगता है। वह कुछ ऐसा करना चाहते है कि सीटी स्कैन व एमआरआई को वर्चुअल वर्ड यानी मोबाइल पर देख सके।
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