फेसबुक ने माना- 8 करोड़ 70 लाख यूजर्स का डाटा कैंब्रिज एनालिटिका को शेयर किया, 5.6 लाख भारतीय
फेसबुक का कहना है कि लगभग 87 मिलियन यूजर्स का निजी डाटा लीक हो सकता है। जिसमें से ज्यादातर अमेरिका से ताल्लुक रखते हैं। उनके डाटा को कैंब्रिज एनालिटिका के साथ शेयर किया गया है। यह फेसबुक की तरफ से की गई पहली आधिकारिक पुष्टि है। पहले आ रही मीडिया रिपोर्ट्स में माना जा रहा था कि 50 करोड़ लोगों का डाटा लीक हुआ है। इनमें से 5.6 लाख भारतीय यूजर्स हैं।
लगभग 270,000 लोगों ने एक पर्सनैलिटी क्विज को डाउनलोड किया और अपने बारे में और अपने दोस्तों के बारे में जानकारी साझा की। इस जानकारी को उन्होंने शोधकर्ता के साथ शेयर किया जिन्होंने इसे एनालिटिका को भेज दिया। फेसबुक ने माना कि यह उसके नियमों के खिलाफ है। फेसबुक का कहना है कि वह 9 अप्रैल से अपने न्यूज फीड के जरिए लोगों को बताएगा कि उनका डाटा कैंब्रिज एनालिटिका के साथ शेयर किया गया था या नहीं।
कंपनी डाटा लीक होने का खुलासा होने के बाद से विवादों में है। उसपर आरोप है कि यूजर्स का डाटा शेयर करने के बाद उसे डिलीट नहीं किया गया। अब फेसबुक ने अपनी प्राइवेसी नीतियों में कुछ अपेडट किए हैं। हालांकि मार्क जुकरबर्ग का कहना है कि यूजर्स के निजी डाटा लीक जैसी मुश्किलों से निपटने में फेसबुक को कुछ साल लग सकते हैं।
उन्होंने कहा- फेसबुक की एक समस्या यह है कि यह आदर्शवादी है। इसने लोगों को जोड़ने के सकारात्मक पक्ष पर ध्यान केंद्रित किया। इसके गलत टूल पर कम समय खर्च किया। अब हम जांच कर रहे हैं। लोग भी इसके खतरों से वाकिफ हो चुके हैं। जुकरबर्ग ने कहा, वह चाहते हैं कि समस्याएं तीन या छह महीने में सुलझ जाएं। पर कुछ सवालों के जवाब जानने में लंबा वक्त लग सकता है।
लगभग 270,000 लोगों ने एक पर्सनैलिटी क्विज को डाउनलोड किया और अपने बारे में और अपने दोस्तों के बारे में जानकारी साझा की। इस जानकारी को उन्होंने शोधकर्ता के साथ शेयर किया जिन्होंने इसे एनालिटिका को भेज दिया। फेसबुक ने माना कि यह उसके नियमों के खिलाफ है। फेसबुक का कहना है कि वह 9 अप्रैल से अपने न्यूज फीड के जरिए लोगों को बताएगा कि उनका डाटा कैंब्रिज एनालिटिका के साथ शेयर किया गया था या नहीं।
कंपनी डाटा लीक होने का खुलासा होने के बाद से विवादों में है। उसपर आरोप है कि यूजर्स का डाटा शेयर करने के बाद उसे डिलीट नहीं किया गया। अब फेसबुक ने अपनी प्राइवेसी नीतियों में कुछ अपेडट किए हैं। हालांकि मार्क जुकरबर्ग का कहना है कि यूजर्स के निजी डाटा लीक जैसी मुश्किलों से निपटने में फेसबुक को कुछ साल लग सकते हैं।
उन्होंने कहा- फेसबुक की एक समस्या यह है कि यह आदर्शवादी है। इसने लोगों को जोड़ने के सकारात्मक पक्ष पर ध्यान केंद्रित किया। इसके गलत टूल पर कम समय खर्च किया। अब हम जांच कर रहे हैं। लोग भी इसके खतरों से वाकिफ हो चुके हैं। जुकरबर्ग ने कहा, वह चाहते हैं कि समस्याएं तीन या छह महीने में सुलझ जाएं। पर कुछ सवालों के जवाब जानने में लंबा वक्त लग सकता है।
Comments
Post a Comment