Facebook इस्तेमाल नहीं करने वालों पर होती है फेसबुक की नजर

फेसबुक डाटा स्कैंडल में फंसता ही जा रहा है। सोशल मीडिया कंपनी ने मंगलवार को माना कि वह गैर फेसबुक यूजर की सूचनाएं भी जुटाती है। पिछले हफ्ते अमेरिकी संसद में सुनवाई के दौरान फेसबुक सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने अपनी सफाई में कहा था कि फेसबुक उन यूजर पर भी नजर रखता है, जिन्होंने फेसबुक पर अपना प्रोफाइल नहीं बनाया है।
इसके बाद अब कंपनी के उत्पाद प्रबंधन निदेशक डेविड बेसर ने कहा, अगर आप किसी ऐसी साइट या ऐप पर विजिट करते हैं, जो फेसबुककी सेवाओं का इस्तेमाल करता है, तो आपकी सूचना हमारे पास आ जाती है। भले आपने फेसबुक पर लॉग इन न किया हो या आपका अकाउंट न हो। हालांकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दूसरी वेबसाइट भी ऐसा कर रही हैं। गूगल और ट्विटर भी ऐसा करते हैं। साथ ही बेसर ने कहा कि फेसबुक यूजर पर निगाह इसलिए रखता है कि सुरक्षा और सेवाओं को बेहतर बनाया जा सके। हम लोगों का डाटा नहीं बेचते हैं।

फेसियल रिकॉग्नइजेशन टूल पर होगा सामूहिक मुकदमा
एक अमेरिकी फेडरल जज ने मंगलवार को आदेश दिया कि फेसबुक को सामूहिक मुकदमे का सामना करना पड़ेगा। सोशल साइट पर आरोप है कि उसने यूजर की अनुमति के बिना फोटो पर फेसबुक रिकॉग्नइजेशन टूल का इस्तेमाल किया। इससे उनकी निजता का हनन हुआ। 2010 में लांच हुए इस टूल के जरिये यूजर की ओर से अपलोड फोटो में नजर आ रहे लोगों के नाम सुझाए जाते थे। अमेरिकी राज्य इलिनोइस के कुछ लोगों का आरोप है कि यह बायोमैट्रिक प्राइवेसी का उल्लंघन है।

लगा यूजर्स का ‘भविष्य’ बेचने का आरोप
फेसबुक ने एक विवादास्पद कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) सेवा लांच की है। यह एआई यूजर के भविष्य का अनुमान लगाता है। बाद में इस सूचना को विज्ञापनदाताओं को बेच दिया जाता है। लायल्टी प्रिडिक्शन या एफबीलर्निग फ्लो नाम का यह एआई 2016 में लांच किया गया था। पर इसे अब थर्ट पार्टी के लिए पेश किया जा रहा है।

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